Famous neurosurgeon Dr Shirish Valsangkar committed suicide shot himself

महाराष्ट्र के फेमस न्यूरोसर्जन डॉ. शिरीष वलसांगकर ने सोलापुर स्थित अपने आवास पर शुक्रवार को कथित तौर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली. पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे वलसांगकर ने बाथरूम में अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपने सिर में गोली मार ली. उन्होंने बताया कि डॉ. वलसांगकर को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करने के वास्तविक कारण का पता लगाया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह पिछले कुछ दिन से तनाव में थे. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

डॉ. वलसांगकर ने गोली मारकर की आत्महत्या

दरअसल सोलापुर के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. शिरीष वलसांगकर ने गोली मारकर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली. प्रारंभिक जांच के अनुसार दो राउंड गोलियां चलाई गईं. एक गोली सिर में जा लगी. उन्होंने मोदी इलाके में स्थित अपने घर के बेडरूम में खुद को गोली मार ली. इस घटना से सोलापुर जिले के चिकित्सा क्षेत्र में हलचल मच गई है. उन्होंने शहर के प्रसिद्ध वलसंगकर अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उन्होंने हजारों मरीजों का इलाज किया.

डॉ. शिरीष वलसांगकर ने अज्ञात कारणों से रात करीब 8:30 बजे अपने ही घर में खुद को गोली मार ली. इसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन डॉ. वलसांगकर की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई. इससे सोलापुर के चिकित्सा क्षेत्र में भारी हलचल मच गई है.

फेमस न्यूरोसर्जन थे डॉ. वलसांगकर

डॉ. वलसांगकर एक बहुत फेमस न्यूरोसर्जन थे. उन्होंने न केवल सोलापुर, महाराष्ट्र में बल्कि दुनिया भर के विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान की हैं. उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसका कारण अभी तक सामने नहीं आया है. वह अस्पताल जहां डॉ. शिरीष वलसांगकर ने हजारों मरीजों का इलाज किया और अपनी अंतिम सांस ली. जब अस्पताल में यह खबर फैली तो सामान्य मरीजों के रिश्तेदार आईसीयू के बाहर जमा हो गए.

कौन थे डॉ. शिरीष वलसांगकर?

डॉ. शिरीष वलसांगकर ने सोलापुर में डीबीएफ दयानंद कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस से अध्ययन किया और सम्मान के साथ स्नातक किया. विज्ञान में प्री-डिग्री सम्मान के साथ उत्तीर्ण तथा प्री-प्रोफेशनल सम्मान के साथ उत्तीर्ण की तथा डॉ. वीएम मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा शिक्षा पूरी की. उन्होंने शिवाजी यूनिवर्सिटी और रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, लंदन से एमबीबीएस, एमडी और एमआरसीपी की डिग्री प्राप्त की. वे चार भाषाओं मराठी, कन्नड़, अंग्रेजी और हिंदी में बातचीत कर सकते हैं. डॉ. शिरीष वलसांगकर के बेटे डॉ. अश्विन और बहू डॉ. सोनाली दोनों ही न्यूरोलॉजिस्ट हैं.

Leave a Comment