Haryana nuh tablighi jamaat jalsa maulana saad ban on beef biryani 5 lakh people gathering.

हरियाणा के नूंह में आज यानी शनिवार से तब्लीगी जमात का जलसा शुरू होने वाला है. इस जलसे में मौलाना हजरत साद शिरकत करेंगे. नूंह के फिरोजपुर झिरका में 3 दिन तक यह जलसा आयोजित किया जाएगा. इस जलसे की तैयारियां पूरी कर ली गई है. वक्फ कानून विवाद के बीच हरियाणा के नूंह में जलसा किया जा रहा है. इस जलसे में बीफ बिरयानी पर रोक रहेगी. साथ ही करीब 5 लाख लोगों के इस में शामिल होने की उम्मीद है.

नूंह के फिरोजपुर झिरका में 19 अप्रैल से शुरू होकर यह जलसा 20 और 21 अप्रैल तक चलेगा. जलसे में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, दमकल, पार्किंग, सुरक्षा से लेकर सभी तरह के बेहतर इंतजाम किए गए हैं.

जलसे के लिए कैसे इंतजाम

तबलीगी जमात के इस जलसे में जमात के साथ-साथ जिला प्रशासन भी तैयारियां कर रहा है. लक्ष्मी नारायण एसडीएम फिरोजपुर झिरका ने आयोजन कमेटी के अलावा उपमंडल स्तर के अधिकारियों से बातचीत कर कार्यों का जायजा लिया और जरूरी दिशा निर्देश जारी किए.

इस जलसे के लिए तकरीबन 20 एकड़ से ज्यादा के एरिया में टेंट से लेकर बाकी सभी तरह का इंतजाम किया जा रहा है. साथ ही इस में 5 लाख से अधिक लोग इस इस्लामिक जलसे में शिरकत कर सकते हैं. तकरीबन 1000 से अधिक वॉलिंटियर तबलीगी जमात की तरफ से लगाए गए हैं, हालांकि पुलिस विभाग ट्रैफिक व्यवस्था को चाक चौबंद बनाए रखने से लेकर सुरक्षा के इंतजामों में जुटी हुई दिखाई देगी.

जलसे के चलते लक्ष्मी नारायण एसडीएम फिरोजपुर झिरका ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पीने के पानी, बिजली विभाग को 24 घंटे बिजली सप्लाई करने, नगर निकाय विभाग को रास्तों से अतिक्रमण हटाने, पुलिस विभाग को सुरक्षा करने, दमकल विभाग को किसी भी स्थिति से निपटने के अलावा संबंधित विभागों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं.

जलसे के लिए दिशा-निर्देश जारी

नूंह मुस्लिम बाहुल्य जिला है. यहां अक्सर इस्लामी जलसे होते रहते हैं, लेकिन इस बार होने वाले हजरत मौलाना साद के जलसे को लेकर कुछ खास व्यवस्था की गई है. खुले में लाखों की भीड़ शौच न जाए, इसके लिए भी उचित व्यवस्था जलसा स्थल के आसपास की गई है. सबसे खास बात ये है कि जलसे का आयोजन करने वाली कमेटी ने दो टूक कह दिया है कि अगर किसी ने अपने वाहन की गलत जगह पार्किंग की या फिर किसी भी तरह का अवरोध पैदा किया तो पुलिस विभाग ऐसे वाहनों का चालान करने से लेकर इम्पाउंड तक कर सकता है.

अमन-शांति की दुआ की जाएगी

जलसा स्थल तक कई अलग-अलग नए मार्ग बना दिए गए हैं. दर्जन भर से अधिक जमीन पर टेंट का इंतजाम कर दिया गया है. इस्लामी जलसे में अंतिम दिन 21 अप्रैल को मुल्क में अमन, शांति और तरक्की के लिए भी दुआ की जाएगी. कुल मिलाकर इस्लामी जलसे का मकसद यही है कि इंसान बुराइयों को छोड़कर अच्छाई के रास्ते पर चले और किसी को किसी तरह का कोई दुख ना दे.

क्या है तब्लीगी जमात

तब्लीगी जमात की स्थापना साल 1926 में दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई थी. इसके संस्थापक मौलाना इलियास कांधलवी हैं. इस जमात का मकसद इस्लाम का प्रचार-प्रसार है. तब्लीगी जमात 150 से ज्यादा देशों में फैली हुई है.

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